एक बार की बात है, एक लड़का नौकरी की तलाश में था | एक दिन वह एक बड़ी कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए गया | लड़का पढाई लिखाई में बहुत तेज़ था इसलिए उसने पहला इंटरव्यू बड़ी आसानी से पास कर लिया
दूसरा और अंतिम इंटरव्यू कंपनी के मालिक को लेना था और अगर उसने दूसरा इंटरव्यू पास कर लिया तो उसे मेनेजर का पद दे दिया जाता |
कंपनी के मालिक ने इंटरव्यू शुरू किया …. उसने कुछ पढाई और योग्यता के सर्टिफिकेट देखे जिसमे लड़का बहुत ठीक था और सबमे काफी अच्छे मार्क्स हासिल किये हुए थे | कंपनी का मालिक उसके सर्टिफिकेट देख कर काफी खुश हुआ |
इसके बाद कंपनी के मालिक ने पूछा – आपके स्कूल के फीस आपके पिताजी देते थे ?
लड़का उत्तर देता है – ” जब मैं 5 साल का था तब मेरे पिताजी का देहांत हो गया था , इसलिए मेरे स्कूल की फीस मेरी माँ देती थी |
कंपनी का मालिक फिर सवाल करता है – ” आपकी माताजी क्या काम करती हैं ”
लड़का जवाब देता है – ” मेरी माँ लोगों के कपडे सिलती है और उसी की कमी से मेरी पढाई का खर्च उठती थी “|
कंपनी का मालिक पूछता है – ” तो क्या कभी आपने अपनी माँ की कपडे सिलने में मदद की है “|
लड़का – ” नहीं “|
कंपनी का मालिक – ” आप अपनी माँ की हेल्प क्यों नहीं करते थे “?
लड़का बोलता है – ” क्युकी मेरी माँ हमेशा से यही चाहती थी की मैं पढाई में ही ध्यान लगाऊ और खूब मेहनत करू, इसलिए मेरी माँ मुझे कोई और काम नहीं करने देती थी “|
कंपनी का मालिक बोलता है – ” आप आज एक काम करना , जब घर जाओगे तो अपनी माँ के हाथ सहलाना और अपनी माँ को अपने हाथ से खाना खिलाना, फिर कल मुझसे आकर मिलना “|
लड़का अपनी सहमति देकर ऑफिस से बहार आ गया, अब लड़का बहुत खुश था क्युकी अब उसे लग रहा था की उसकी नौकरी पक्की है |
लड़का जब घर पंहुचा तो उसकी माँ रोज की तरह ही उसका इंतज़ार कर रही थी | लड़के ने अपनी माँ का हाथ थमा तो वह दंग रह गया , क्युकी कपडे सिल सिल कर उसकी माँ के हाथ में कई जख्म हो चुके थे | उसमे से कुछ तो इतने ज्यादा थे की हाथ लगाने से भी दर्द हो रहा था | लड़के ने पहली बार अपनी माँ का हाथ अपने हाथ में लिया था , माँ की ऐसी दशा देखकर लड़के की आँख भर आई | लड़के को पहली बार ये एहसास हुआ की उसकी माँ कितनी तकलीफ और दर्द सहकर उसके स्कूल की फीस भरी थी थी और उसको किसी चीज़ की कमी नहीं होने देती थी |
फिर उसने बड़े ही प्यार से अपनी माँ को खाना खिलाया | अपने बेटे से इतना प्यार पाकर माँ की भी आँखें भर आयीं | दोनों ने खाना खाया और बहुत देर तक बैठकर बातें करी |
अगली सुबह लड़का तैयार होकर कंपनी के मालिक के पास पहुंचा, कंपनी के मालिक ने पूछा … क्या आपने वह सरे काम करें थे जो मैंने आपको कल करने के लिए बोला था ?
लड़के ने जवाब दिया – ” येस सर मैंने वो सब काम किया जो आपने करने लिए बोला था “|
कंपनी का मालिक – ” वैरी गुड , तो अब आप मुझे बताइए आप कैसा महसूस कर रहे हैं “?
लड़का बोलता है – ” मुझे बहुत सारी बातें पता चली , मैं अपनी माँ के बिना कभी भी सफल नहीं हो पता मुझे आज पता चला है की मेरी माँ मेरे लिए क्या हैं | मेरी माँ जो का करती हैं वह बहुत मुश्किल है फिर भी वो बिना रुके वही काम
करके मेरी पढाई पूरी करवाई | और परिवार कितना जरुरी है यह मैं जान चुका हूँ |
उस लड़के की बात सुनकर कंपनी के मालिक ने उससे कहा “यही वे सारे वह गुण हैं जो मैं अपने नए मैनेजर में चाहता था| मैं अपनी कंपनी में एक ऐसे इन्सान को मैनेजर पद पर रखना चाहता था जो दूसरों की मदद करने की
कोशिश भी करता हो, किसी की मेहनत की कद्र करना जानता हो और दूसरों के काम की इज्ज़त करता हो| जो सिर्फ पैसे कमाने को ही अपना जीवन का उद्देश्य ना बनाये| इसलिए मैं आज से आपको कंपनी के मैनेजर पद पर
नियुक्त करता हूँ|”
BY – Ashish Anand
ये बहुत ही जरुरी है की हम दूसरों की मेहनत की क़द्र करें | जब हम दूसरों की मेहनत की वैल्यू जानेगे तो ही हमे अपने मेहनत पता चलेगी |
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काफी सुन्दर लेख है, ऐसे ही लिखते रहें !
धन्यवाद
Thank u mohit
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